2019 एक ऐतिहासिक वर्ष

2019 की कुछ बड़ी यादें - खट्टी-मीठी यादें

1. पाकिस्तान को सबक : 2019 में पाकिस्तानी आतंकवादी ठिकानों पर हमला करके भारतीय सेना ने अपने शौर्य का प्रदर्शन किया। 2019 सेना के पराक्रम का वर्ष रहा। 

2. ताकतवर मोदी - पहले कार्यकाल से भी ज्यादा सीटें लेकर दुबारा PM बनने वाले मोदी पहले से ज्यादा ताकतवर दिखने लगे।  कई ऐसे निर्णय लिए जो भारत का भविष्य बदलने वाला है।

3. 370 हटा - 2019 जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटने के लिए भी राष्ट्रीय यादगार का भी वर्ष बना।

4. अयोध्या विवाद का हल - 2019 देश के एक सबसे बड़े विवाद अयोध्या विवाद का हल होने के लिए भी हमेशा यादगार रहेगा।

5. CAA नागरिकता संशोधन कानून - 2019 में नागरिकता संशोधन कानून भी बड़े बहस का हिस्सा बना और इसकी खट्टी-मीठी यादें सदा बनी रहेगी।

6. आयकर सुधार - 2019 में करदाताओं को बड़ी राहत मिली। 500000 (पांच लाख) तक की आय पर कर में छूट मिला।

7. किसानों का सम्मान - 2019 में किसानों को सम्मान देते हुये; PM-किसान सम्मान निधि योजना आरम्भ हुई। ये भी राष्ट्रीय विषय के रूप में सदा यादगार बना।

8. असंगठित मजदूर वर्ग का सम्मान - 2019 में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का सम्मान करते हुए सरकार ने उनके लिए भी प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना की शुरुआत किया और ये भी एक राष्ट्रीय विषय के रूप में यादगार बना।

9. तीन-तलाक समाप्त - 2019 में तीन तलाक समाप्त करने का विधेयक भी बना।

10. आर्थिक सुस्ती - 2019 एक बार फिर से याद रहने वाली विश्व स्तर पर आर्थिक सुस्ती या मंदी का दौर रहा।

11. भाजपा विजय रथ रुका या कई राज्यों से बेदखल हुई - 2019 में भाजपा-शिवसेना गठबंधन टूटने से महाराष्ट्र से भाजपा सरकार हटी, भले ही गठबंधन की जीत क्यों न हुई।  साथ ही महाराष्ट्र सरकार बनना भी बड़े ड्रामा से भरपूर रहा ।  झारखण्ड में विखंडित राजग चुनाव में हार गई और भाजपा को झारखंड गंवाना पड़ा।

12. CSC में दुबारा आधार की सेवा आरम्भ - 2019 जाते-जाते CSC में दुबारा आधार की सर्विस आरम्भ हुई। अब फिर से लोगों को अपने आधार का काम बगल के CSC सेंटर पर मिलने लगेगा।  ये भी एक बड़ी याद का विषय है। अब आधार एनरोलमेंट और अपडेट CSC सेंटर पर चालू हो रहा है।

13. NEFT 24*7  - 2019 के जाते-जाते एक बड़ा परिवर्तन बैंकिग क्षेत्र में ये भी हुआ की NEFT 24*7 कर दिया गया। हालांकि 2019 में ये सेवा पूर्ण रूप से आरम्भ नहीं हो पायी।

14. चार बड़े बैंकों का विलय - देश के चार बड़े बैंकों का विलय होना भी एक महत्वपूर्ण प्रयास था।

15. 2% TDS : जमाखोरी की रोकथाम के लिए 10000000/ एक करोड़ से ऊपर नगद निकासी पर 2% TDS लगाने का निर्णय भी 2019 की एक याद में ही गिना जायेगा। इसका खामियाजा AEPS चलाने वाले रिटेलरों को भी भुगतना पर रहा है।


  इसी तरह वर्ष 2019 बहुत बड़े निर्णयों और उथल-पुथल के लिए केवल एक यादगार वर्ष नहीं अपितु ऐतिहासिक वर्ष बना।